वह जानता था कि बारूदी सुरंगों और कुचला सत, जो सत्तर के दशक में अमेरिकियों ने वहाँ गिराए थे, से बचने के लिए किस क्षेत्र से बच कर निकला जाए, और वह जानता था कि किन क्षेत्रों को साफ किया जा चुका था, हालांकि सैपर से एक या दो स्थान चूक गए थे, जिनमें से एक उसकी बकरियों ने अभी केवल महीना भर पहले ही खोजा था। यह उसके लिए शर्म की बात थी, हालांकि उसका मृत शरीर बेकार नहीं गया था और उसका अंत जल्दी ही आ गया था, जब एक लुढ़कते हुए पत्थर ने एक बारूदी सुरंग को ट्रिगर किया था और आकाश की ओर उड़ा दिया था, जिसके साथ उसका सिर भी साफ हो गया था।
उसके शव को घर ले जाने के लिए दूरी काफी अधिक थी, इसलिए श्री ली ने कुछ दिन पहाड़ों में उसको खाते हुए बिताए, जबकि उनका परिवार खेत में उनके बारे में चिंतित था।
श्री ली एक संतुष्ट व्यक्ति थे। उन्होंने अपने काम और बाहरी जीवन का आनंद लिया, और उन्होंने लंबे समय तक इस तथ्य के साथ सामंजस्य बिठाया कि वह कभी अमीर नहीं होंगे या फिर कभी विदेश नहीं जाएंगे। इस कारण से, वह और उसकी पत्नी अब केवल दो बच्चे होने से खुश थे। वह उन दोनों को समान रूप से प्यार करता था और उनके अच्छे भविष्य की कामना करता था, लेकिन वह इस बात से भी खुश था कि उन्होंने स्कूल छोड़ दिया था जिससे वे खेत पर पूरा समय काम कर सकते थे, जहां उनकी पत्नी जड़ी-बूटियां और सब्जियां उगाती थी और तीन सूअर और कुछ दर्जन मुर्गियां रखे थी।
श्री ली सोचते थे कि अतिरिक्त मदद से वह अपने खेत का कितना विस्तार कर सकते हैं। शायद वे एक दर्जन और मुर्गियों, कुछ अतिरिक्त सूअरों और शायद मीठे भुट्टे के खेत उगा सकते थे।
वह अपनी दिवास्वप्न से जाग गया, “क्या होगा अगर यह कोई गंभीर बात हुई, मॅड?” मैंने पहले इसका उल्लेख नहीं किया था, लेकिन मैं इस सप्ताह दो बार बेहोश हुआ और दो या तीन बार इसके पास आया।”
“तुमने मुझे यह पहले क्यों नहीं बताया?”
“बस, तुम जानती हो, मैं नहीं चाहता था कि तुम चिंता करो और तुम इसके बारे में कुछ कर भी नहीं सकती, है ना?”
“नहीं, व्यक्तिगत रूप से नहीं, लेकिन मैं तुमको पहले तुम्हारी बुआ के पास ले गई थी और शायद तुमको एक मेडिकल डॉक्टर को दिखाने की कोशिश करती।”
“अ, तुम मुझे जानती हो, मॅड। मैंने कहूँगा, इतने सारे पैसे खर्च करने से पहले, चलो इंतजार करते हैं कि बुआ क्या कहती है। मुझे मानना होगा कि मुझे कभी-कभी बेहद अजीब महसूस होता है और मैं इस बात से थोड़ा डर गया हूं कि बुआ कल क्या कहेंगी।”
“हाँ, मैं भी। क्या तुम सच में इतना बुरा महसूस करते हो?”
“कभी-कभी, लेकिन मुझमें अब कोई ऊर्जा बाक़ी नहीं बची है। मैं बकरियों के साथ दौड़ने और कूदने में सक्षम हुआ करता था, लेकिन अब मैं बस उन्हें देखने से भी थक जाता हूं!
“कुछ तो है, मुझे यकीन है।”
“देखो, पा,” जो उसका अकल्पनीय प्यार का नाम था, जिसका मतलब थाई में ‘डैड’ था, “बच्चे गेट पर हैं। क्या तुम उन्हें अभी यह बताना चाहते हो?”
“नहीं, तुम सही हो, उन्हें अभी से चिंता में क्यों डालें, लेकिन मुझे लगता है कि बुआ मेरे लिए कल दोपहर को बुलावा भेजेगी, इसलिए उन्हें बता दो कि हम चाय के समय एक पारिवारिक बैठक कर रहे हैं और उन्हें वहाँ रहना होगा।”
मुझे लगता है कि मुझे बिस्तर पर जाना चाहिए, मुझे फिर से थकान महसूस हो रही है। बुआ के थूक ने मुझे कुछ समय के लिए राहत दी थी, लेकिन इसको काफी समय हो गया। उन्हें बता दो कि मैं ठीक हूँ, लेकिन डेन से कहो कि कल मेरी खातिर बकरियों को बाहर ले जाए, क्या तुम कह दोगी? उसे उन्हें ज़्यादा दूर ले जाने की आवश्यकता नहीं है, केवल नीचे धारा के पास तक, ताकि वे नदी के कुछ शैवाल खा सकें और पानी पी सकें….. इससे एक या दो दिन तक उन्हें तकलीफ नहीं होगी।
जब तुम्हें दस मिनट का समय मिले तो क्या तुम मेरे लिए अपनी विशेष चाय बना दोगी, प्लीज़? वही अदरक, सौंफ और बाक़ी…..वह मुझे थोड़ी ताकत देगी…. ओह, और कुछ खरबूजे या सूरजमुखी के बीज….शायद तुम डिन से उन्हें मेरे लिए कूटने को कह सकती हो?
“एक मग सूप के बारे में क्या खयाल है? यह तुम्हें पसंद है…..”
“हाँ ठीक है, लेकिन अगर मैं सो जाऊँ तो बस इसे मेज़ पर रख देना और मैं इसे बाद में ठंडा पी लूँगा।”
“हैलो बच्चों, आज मैं जल्दी सोने जा रहा हूँ, लेकिन मैं नहीं चाहता कि तुम चिंता करो, मैं ठीक हूँ। तुम्हारी माँ तुम्हें सारा विवरण बता देगी। मुझे लगता है, मुझे बस किसी तरह का संक्रमण हो गया है। सब को शुभ रात्रि”
शुभ रात्रि पा, उन सबने जवाब दिया। डिन विशेष रूप से चिंतित दिखी क्योंकि उन्होंने पहले बेचैनी से श्री ली के पीछे हटने को और फिर एक दूसरे को देखा।
जब श्री ली शांत अंधेरे में वहां पड़े थे, उन्होंने महसूस किया कि उनके बगल और भी अधिक धड़क रहे हैं, जैसे कि एक सड़ा हुआ दांत हमेशा रात में बिस्तर पर अधिक परेशान करने लगता है, लेकिन वह इतना थका हुआ था कि इससे पहले कि उसके लिए चाय, सूप और बीज लाए जाते, वह सो चुका था।
बाहर, बड़ी मेज पर, हल्की रोशनी में, शेष छोटे परिवार ने श्री ली की अवस्था पर कर्कश स्वरों में चर्चा की, यह एक तथ्य था कि अगर वे ज़ोर से भी बोलते तो भी कोई उन्हें सुन नहीं पाता।
“क्या पा मरने वाले हैं, माँ?” डिन ने लगभग आँसू भर के पूछा।
“नहीं, प्रिय, बिल्कुल नहीं,” उसने जवाब दिया, “कम से कम… मुझे ऐसा नहीं लगता।”
1 2 ली परिवार की असमंजस
एकदम गाँव के ढंग से हर कोई मकान के अंदर मौजूद एकमात्र कमरे में एकसाथ सोया: माँ और डैडी का दोहरा गद्दा था, बच्चों में से प्रत्येक के पास इकहरा गद्दा था और तीनों बिस्तरों को उनकी अपनी अपनी मच्छरदानियों द्वारा अलग किया जाता था, इसलिए जब वे दिन के उजाले में उठे, तो सभी पाँव दबा कर चले, ताकि हेंग जाग न जाए।
वे जानते थे कि कुछ तो गड़बड़ है, क्योंकि कड़ाके की ठंड में भी घर में सबसे पहले उठने वाला वही होता था। उन्होंने मच्छरदानी से झांक कर उसके मृत-तुल्य सफ़ेद चेहरे को देखा और चिंतित होते रहे, जब तक कि उनकी माँ ने उन्हें बाहर नहीं भगा दिया।
“डिन, हम पर एक एहसान करो, प्यारी। मुझे तुम्हारे पिता अच्छे नहीं लग रहे हैं, इसलिए जल्दी से नहा लो और जा कर देखो कि क्या बुआ के पास हमें बताने के लिए कुछ है? मेरी अच्छी बच्ची। अगर वह अभी तैयार नहीं है, और मैं जानती हूँ कि हम जल्दी कर रहे हैं, तो उनसे पूछ्ना कि क्या वे अपने प्यारे भतीजे के लिए कुछ विशेष प्रयास कर सकती हैं? इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, क्या तुम ऐसा करोगी?”
डिन रोने लगी और नहाने भाग गई। “माफ करना प्यारी, मैं तुम्हें परेशान नहीं करना चाहती थी।” वह अपनी बेटी पर पीछे से चिल्लाई।
जब पंद्रह मिनट बाद वह अपनी दादी के घर पहुंची, तो बूढ़ी तांत्रिक कपड़े बदल कर तैयार थी और घर के सामने बड़ी सी मेज़ पर बैठ कर चावल का शोरबा पी रही थी।
“शुभप्रभात, डिन, तुम्हें देख कर बहुत अच्छा लगा, क्या तुम एक प्याला शोरबा पीना चाहोगी? यह मज़ेदार है।”
डा अपनी भतिज-पोती और विशेष रूप से डिन पर स्नेह रखती थी, लेकिन जब उसने सुना कि उसे क्या पूछना था, तो वह यह कहने से खुद को रोक नहीं सकी कि उसकी माँ चौबीस घंटों के भीतर इस तरह के उचित निदान के बारे में बहुत कुछ पूछ रही थी।
“वह तुम्हारी माँ! ठीक है, हम देखेंगे कि हम क्या कर सकते हैं…..तुम्हारे पिता ठीक नहीं लग रहे, है ना?”
“हाँ बुआ डा, वह किसी शव की तरह सफ़ेद पड़ गए हैं, लेकिन हमें नहीं लगता कि वे मर चुके हैं…..जब मैं वहाँ से निकली तो माँ यह देखने के लिए कि क्या वे प्रतिक्रिया करते हैं, उन को पिन चुभा रही थी। लेकिन मैं ने परिणाम जानने के लिए प्रतीक्षा नहीं की। मैं नहीं चाहती कि पा मर जाएँ, बुआ डा, कृपा कर के उन्हें बचा लीजिये।”
“मैं जो कर सकती हूँ वह करूंगी, बेटे, लेकिन जब बुद्ध बुलाते हैं, इस दुनिया में ऐसा कोई नहीं है, जो ‘ना’ कह सके, लेकिन हम देखेंगे कि हम क्या कर सकते हैं। मेरे साथ आओ।”
डा आगे-आगे चलते हुए अपने पूजागृह में गई, एक मोमबत्ती जलाई और दरवाजा बंद कर लिया। वह उम्मीद कर रही थी कि डिन उसके “पुराने तरीकों” में रुचि लेगी जबकि अभी वह उतनी युवा थी कि उसे सिखा सके, क्योंकि वह जानती थी कि यदि यह काम ली परिवार में रखना है तो किसी न किसी दिन उसे एक उत्तराधिकारी की आवश्यकता पड़ेगी।
उसने फर्श पर प्रश्नकर्ता के आसन की ओर इशारा किया और डिन बैठ गई, फिर उसने डिन के सामने बैठने से पहले झोपड़े में चारों ओर घूमते हुए प्रार्थनाए कीं, मंत्र पढे और कुछ और मोमबत्तियाँ जलाईं। डिन अपनी गोद में रखे हुए अपने प्याले की तरह मुड़े हुए हाथों को घूर रही थी।
डा ने अपनी भतीजी को देखा, अपने शरीर से हो कर गुजरने वाले एक हल्के से कंपन को महसूस किया, कुछ सेकंड के लिए अपनी अंजुरी को देखा और फिर उसने फिर से डिन को देखा।
“तुम दूसरों के बारे में सलाह लेने आई हो? कृपया अपना प्रश्न पूछो?” डा ने कहा, लेकिन एक गहरी, अंधेरी, कर्कश आवाज में, जो उस झोपड़ी के बाहर किसी ने नहीं सुनी थी।
इस रूपान्तरण ने डिन को चौंका दिया, जैसा कि हमेशा होता था जब उसकी बुआ एक समाधिस्थ अवस्था में चली जाती थी और किसी अन्य शक्ति को अपने शरीर पर नियंत्रण दे देती थी। यह इतना अधिक नहीं होता था कि उसका चेहरा बदल जाए, हालांकि यह हुआ, उसका पूरा शरीर सूक्ष्म रूप से बदल गया, उसी तरह से जैसे कि एक अभिनेता या एक प्रतिरूपणकर्ता अपने चरित्र को निभाने के लिए अपना रूप बदल सकता है, लेकिन यह इससे अधिक था। यह ऐसा था मानो डा के अन्तर्मन को किसी और से बदल दिया गया हो, जिससे वह न केवल अलग दिखती थी, बल्कि उसकी आवाज़ भी बदल जाती थी।
डिन ने बूढ़ी ओझा को देखा, जो अब उसकी बुआ नहीं थी।
“ओझा, मेरे पिता बहुत बीमार हैं। मैं जानना चाहती हूँ कि क्या समस्या है और हम इसके बारे में क्या कर सकते हैं?”
“हाँ, तुम्हारा पिता, जिसे तुम ‘पा’ कहती हो।”
वह आवाज़, जो उसकी बुआ उस समय निकाल रही थी, एक आदमी की थी, उसने पिछले दिन हेंग के छोड़े हुए प्रत्येक बंडल पर हाथ रखा और अपनी आँखों को बंद कर लिया। फिर डिन ने एक लंबा विराम और एक इतना गहरा सन्नाटा महसूस किया, कि वह चींटियों को उस कठोर मिट्टी के फर्श पर चलते हुए सुन सकती थी।
डिन इस से पहले भी इस तरह के एक दर्जन सत्र कर चुकी थी, हालांकि वे किसी इतनी गंभीर बात के लिए नहीं थे, जितनी कि यह थी। उसने एक बार पेट की एक शिकायत के बारे में पूछा था, और कुछ साल पहले अपने मासिक धर्म के बारे में और हाल ही में उसने पूछा था कि क्या जल्द ही उसकी शादी होगी। वह व्यवस्था से नहीं, केवल परिणाम से डर रही थी, लेकिन वह जानती थी कि वह केवल बैठ कर निरीक्षण कर सकती है और इंतजार सकती है, क्योंकि उसे यह आकर्षक लग रहा था।
ओझा ने धीरे से उस पार्सल को खोला, जिसमें पत्थर था, उसका बारीकी से निरीक्षण किया, उसे सूंघा और उसे वापस केले की पत्ती पर रख दिया, फिर वह पत्ती उठाई, जिसमें काई थी और अपने सामने की चटाई पर रखने से पहले उसे सूंघा।
तांत्रिक ने दृढ़ता पूर्वक डिन की ओर देखा और, कुछ मिनट के बाद, बोली।
“वह, जिसके बारे में तुम चिंतित हो, बहुत बीमार है। असल में जब उसने ये नमूने लिए तब वह अपनी मृत्यु के काफी नजदीक था, लेकिन वह अभी मरा नहीं है…..उसके कुछ आंतरिक अंग, विशेष तौर से वे, जो रक्त को स्वच्छ करने का काम करते हैं, बहुत बुरी अवस्था में हैं….. जिन्हें तुम कहते हो, मुझे लगता है, थाई में किडली, ने काम करना बिलकुल बंद कर दिया है और जिगर भी तेज़ी से खराब होता जा रहा है।”
“इस का अर्थ है कि मृत्यु सन्निकट है। इसका कोई ज्ञात इलाज नहीं है।”
तांत्रिक फिर से थरथराई, और उसका आकार वापस बुआ डा के जैसा हो गया, जिसने कई बार आँखें झपकाईं और थोड़ा कसमसाई जैसे उसने कोई पुरानी तंग पोशाक पहनी हो और अपनी आँखें मसलीं।